गुरुवार, 26 जून 2008

अपने बारे main

मेरा विचार है जीवन अनमोल है और उसको अनमोल ही रहने देना होगा। जीवन प्रभु ने दिया है तो वाही उसका संचालक भी है। जीवन मे सुखद चरण आते है तो लगता है की कोई आया। यह हवा का अनुभव है या बदलते जीवन का गुमान। कारन कुछ भी हो,जीवन और जीव इश्वर का अंश है। वह अनोखा है। मधुमास है। जागना है और दूर जाना है। मोम के बन्धनों को काटना है.

4 टिप्‍पणियां:

Amit K Sagar ने कहा…

अच्छे विचार. भविष्य में भी पढ़ना चाहेंगे. लिखते रहिए. शुक्रिया. शुभकामनयें.
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उल्टा तीर

admin ने कहा…

आपके बारे में जानकर अच्छा लगा। आशा है आगे और भी बहुत कुछ जानने समझने को मिलेगा।
एक निवेदन, कृपया कमेंट बॉक्स से वर्ड वेरीफिकेशन हटा दें, इससे इरीटेशन होता है।

आशीष कुमार 'अंशु' ने कहा…

अच्छे विचार.

Raji Chandrasekhar ने कहा…

स्वागत है, आप का ।
मैं मलयलम का एक ब्लोगर, थोड़ा थोड़ा हिन्दी में भी ।